7th Pay Commission 2024: 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को नियंत्रित करने वाले नियमों में बदलाव किया जाएगा। दरअसल, 1 जनवरी से लागू होने वाले महंगाई भत्ते की तस्वीर सामने आ गई है। कर्मचारी 50% डीए के हकदार हैं।
Central government employees news: केंद्रीय कर्मचारियों को अब अपना महंगाई भत्ता पाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को महंगाई भत्ते (DA Hike) में 4% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी।परिणामस्वरूप, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अब 50 प्रतिशत हो गया है।हालाँकि, अब सवाल यह उठता है कि क्या महंगाई भत्ता पचास प्रतिशत तक पहुंचने के बाद शून्य कर दिया जाना चाहिए।हालाँकि, यह कब होगा, उनका विलय कैसे होगा और सरकार कब घोषणा करेगी या नोटिस भेजेगी?
7th Pay Commission 2024 शून्य से ही शुरू होगी गणना
साल 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) का गणित बदलने जा रहा है. दरअसल, 1 जनवरी से लागू होने वाले महंगाई भत्ते की तस्वीर साफ हो गई है. कर्मचारियों को 50 फीसदी DA मिलना है. जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 50 फीसदी मिलेगा
नियम ये कहता है कि 50 फीसदी महंगाई भत्ता होने के बाद इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करके शून्य से इसकी गणना शुरू होगी. लेकिन, सरकार अभी तक इस पर कोई सफाई नहीं दी. मतलब अभी महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन 50 फीसदी से आगे ही चलेगी. लेकिन, शून्य कब किया जाएगा?
जल्द बदलेगा महंगाई भत्ते का गणित?
सरकार ने साल 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू करते वक्त महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया था. नियमों के मुताबिक, महंगाई भत्ता जैसे ही 50 फीसदी तक पहुंचेगा, इसे शून्य कर दिया जाएगा और 50 फीसदी के अनुसार जो पैसा भत्ते के रूप में कर्मचारियों को मिल रहा होगा, उसे बेसिक सैलरी यानि न्यूनतम सैलरी में जोड़ (da merger basic salary) दिया जाएगा
मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18000 रुपए है तो उसे 50 फीसदी DA का 9000 रुपए मिलेगा. लेकिन, 50 फीसदी DA होने पर इसे बेसिक सैलरी में जोड़कर फिर से महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा. मतलब बेसिक सैलरी का रिविजन होकर 27,000 रुपए हो जाएगी. हालांकि, इसके लिए सरकार को फिटमेंट में भी बदलाव करना पड़ सकता है.
शून्य किया जाएगा महंगाई भत्ता?
जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है
हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छठे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे.