Loan na chukane par kya hota hai: अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो क्या क्या होगा आपके साथ जानिए यहां ! 

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Loan na chukane par kya hota hai: आज के समय में, पैसा ही सब कुछ है।जिनके पास पैसे हैं उन्हें अपनी जरूरत की कोई भी चीज पैसों से खरीदना आसान होता है। और वे आराम से जीवन जी सकते हैं, लेकिन जिन लोगों के पास पैसे नहीं हैं वे कैसे खरीद सकते हैं? सरकार ने सभी की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। और वो सभी के लिए लोन देने की सुविधा बना कर रखे है… 

Loan na chukane par kya hota hai

इसका लक्ष्य लोगों को लोन देकर उन्हें हर समस्या से ऊपर उठाना है।लेकिन हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कर्ज तो ले लेते हैं लेकिन कर्ज चुकाने में आनाकानी करते हैं यानी कि वे कर्ज चुकाना नहीं चाहते, इसमें आवेदक जानबूझकर कर्ज नहीं चुका पाता या कुछ अलग कारणों से नही दे पाता। 

कई बार आवेदक को यह पता ही नहीं चलता कि यदि वह समय पर ऋण का भुगतान नहीं करता है तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं।आज हम इस आर्टिकल पर इसी विषय पर बात करेंगे… 

सरकार दो तरह के लोन बैंकों से प्रोवाइड कराती है, जिसमें पहला अनसिक्योर्ड लोन और दूसरा  सिक्योर्ड लोन होता है। अनसिक्योर्ड लोन में पर्सनल लोन,एजुकेशनल लोन आदि यह सभी आते हैं जबकि सिक्योर्ड लोन में होम लोन ,गोल्ड लोन, मॉर्टगेज लोन आदि यह सभी आते हैं।तो आइए आगे जानते है Loan na chukane par kya hota hai…

Loan na chukane par kya hota hai

क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है ? 

Loan na chukane par kya hota hai: क्या आप लोन नहीं चुकाने पर जेल जा सकते हैं?नहीं, यदि आप ऋण का भुगतान करने में असमर्थ हैं तो निश्चित रूप से आपको जेल नहीं भेजा जा सकता है, क्योंकि ऋण का भुगतान न करना एक नागरिक विवाद है और इसके आधार पर आपके खिलाफ कोई आपराधिक अपराध तय नहीं होता है क्योंकि जिसके लिए आपको पुलिस जेल भेजा जा सकता है।

लेकिन हमारे देश में बैंकों की संचालन व्यवस्था तय करने के लिए आरबीआई ने लोन डिफॉल्टरों के लिए कई नीतियां भी बनाई हैं, अगर कोई लोन नहीं चुका पाता है और अपनी लोन EMI को 180 दिन तक नहीं छिपाता है।बैंक या लोन देने वाला निगम 1881 के परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के आधार पर ऋण लेने वाले व्यक्ति या महिला के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के लिए मामला दर्ज कर सकता है।

इसमें आपको ऋण का मुआवज़ा न चुकाने का नोटिस दिया जाता है और इस नोटिस में आपसे पूछा जाता है कि आप भुगतान करने में सक्षम क्यों नहीं हैं और कब तक भुगतान कर सकते हैं और आपको एक लिखित में देना होगा कि आप लोन चुकाने में असमर्थ क्यों है ? 

संपत्ति की नीलामी के बाद क्या होता है?

Loan na chukane par kya hota hai: जब आवेदक बैंक के माध्यम से नोटिस भेजने और आपराधिक कार्रवाई करने के बाद भी लोन का भुगतान करने में सक्षम नहीं होता है, तो बैंक लोन लेने के साथ-साथ गिरवी रखी गई वस्तुओं को बेचने पर भी विचार करता है।अपनी लोन की राशि वसूल करने के लिए… 

अब बैंक को संपत्ति बेचकर राशि प्राप्त होती है।यदि संपत्ति बेचने से प्राप्त राशि ऋण राशि से अधिक है, तो बैंक ऋण राशि से पैसा काट लेता है और अंतिम राशि आवेदक के बैंक खाते में जमा कर देता है।

बैंक हमारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ही लोन की सुविधा देते हैं और अगर समय पर लोन की पूरी रकम नहीं मिल पाती है तो बैंक इस बात पर भी विचार करते हैं कि आगे क्या करना चाहिए ताकि लोन की पूरी रकम वापस मिल जाए।अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते है तो आपका cibil score भी कम हो जाएगा और आपको भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत आएगी। 

Loan na chukane par kya hota hai

पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा (Personal Loan na chukane par kya hoga)

जैसा कि आपने जाना कि पर्सनल लोन भी दो प्रकार के होते हैं। अब आइए हम आपको बताते हैं कि यदि आप पर्सनल लोन नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक आपके ऊपर इसके खिलाफ क्‍या कार्यवाही करेगा, यानि पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा? साथ ही वो कब करेगा और आपको कब छूट देगा।

असुरक्षित पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि असुरक्षित पर्सनल लोन में आपको बैंक को कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। इसके अंदर यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं, तो सबसे ज्‍यादा नुकसान बैंक का ही होता है।

यदि हम कार्यवाही की बात करें तो जब आप बैंक से लोन लेंगे तो आपको उसे चुकाने के लिए एक निश्चित समय दिया जाता है। लेकिन यदि आप इस समय के बाद भी ना तो लोन चुकाते हैं, ना ही बैंक को किसी तरह का जवाब देते हैं। तो बैंक की तरफ से आपके पास फोन या डाक के जरिए एक चिठ्ठी भेजी जाएगी। जिसमें आपसे कहा जाएगा कि आप इस लोन को जल्‍दी से जल्‍दी चुका दें।

यह एक तरह से आपको सख्‍त लहजे में बैंक की चेतावनी होगी। लेकिन इसके बाद भी यदि आप पर्सनल लोन नहीं चुकाते हैं तो बैंक आपको डिफॉल्‍टर की सूची में डाल देगा। साधारण भाषा में अब आप इस लोन के लेकर भागना चाहते हैं।

इसके बाद बैंक समझ जाएगा कि आप लोन नहीं चुकाना चाहते हैं और अब आपके ऊपर सख्‍ती करनी होगी। इसलिए अब आपकी सारी जानकारी बैंक कर्ज वसूली एजेंसी को दे देगा। दरअसल, ये एक तरह की एजेंसी होती हैं। जिनका काम होता है बैंकों के डूबे हुए पैसे को निकलवाना। ये एजेंसी बैंक का जितना पैसा निकलवा देती हैं। बाद में उसका लगभग आधा पैसा खुद रख लेती हैं और आधा बैंक को दे देती हैं। जिससे दोनों का फायदा हो जाता है।

अब जैसे ही इस एजेंसी के पास आपकी जानकारी पहुंच जाएगी तो वहां से आपके पास फोन आने लगेंगे। कभी आपसे पुलिस अधिकारी कहकर बात की जाएगी, कभी हाई कोर्ट का वकील बनकर। कई बार ज्‍यादा लोन होने पर ये एजेंसी आपके घर पर अपना एजेंट भी भेज देती हैं। जो कि आपके अंदर डर बैठाने के लिए भेजा जाता है।

साथ ही लोगों को डराने के लिए लीगल नोटिस भी ये एजेंसी भेजती है। ताक‍ि आप डर जाएं और तुरंत लोन चुका दें। इनकी खास बात ये है कि ये आपको कई साल तक इसी तरह से डराती रहती हैं। ताकि आप परेशान होकर बैंक का लोन चुका दे।

आखिरी विकल्प होता है नीलामी

लोन लेने वाले को लोन का भुगतान करने के लिए बैंक के माध्यम से काफी समय दिया जाता है।लेकिन अगर लोन लेने वाला पुरुष या महिला लोन चुकाने में असमर्थ रहता है तो बैंक उसे रिमाइंडर और नोटिस भेजता है।

इसके बाद भी अगर कर्जदार कर्ज नहीं चुकाता है तो बैंक उसकी संपत्ति का स्वामित्व ले लेता है और फिर उसे नीलाम कर देता है.अर्थात्, बैंक ऋण का भुगतान करने के लिए कई अवसर प्रदान करता है, लेकिन पुनर्भुगतान न करने की स्थिति में, परिसंपत्तियों की नीलामी के माध्यम से लोन राशि की वसूली की जाती है।

निष्कर्ष 

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। हमने अपने इस लेख में Loan na chukane par kya hota hai से जुड़ी जानकारी देने कि कोशिश की है। इससे जुड़े कोई अन्य प्रश्न हो तो हमे कॉमेंट बॉक्स में जरूर पूछे। धन्यवाद ! 

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